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बढ़ते प्रदूषण ,भीषण गर्मी ,जल संकट व जलवायु परिवर्तन को रोकने की दवा है पर्यावरण धर्म: डॉ कौशल

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बढ़ते प्रदूषण ,भीषण गर्मी ,जल संकट व जलवायु परिवर्तन को रोकने की दवा है पर्यावरण धर्म: डॉ कौशल

विश्व पर्यावरण दिवस पर   पर्यावरणविद ने वन वृक्षों पर राखियां  बांधते हुए कहा कि

बढ़ते प्रदूषण ,भीषण गर्मी ,जल संकट व जलवायु परिवर्तन को रोकने की दवा है पर्यावरण धर्म: डॉ कौशल

पर्यावरणविद ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला के लाइब्रेरी, सिक्का, डाली व केरकी गांव में लगाए 500 पौधे

जिंदा रहने के लिए पौधा लगाना , वनों को बचाना व पर्यावरण धर्म को होगा अपनाना : पर्यावरण धर्मगुरु

वृक्ष खेती को आकाल सुखाड़ का भय नहीं होता वह किसानों को फिक्स्ड डिपॉजिट के समान होता है : डॉ कौशल

फ़ोटो- वनों पर राखी बांधते वन राखी मूवमेंट के प्रणेता डॉ कौशल व पर्यावरण प्रेमी

छतरपुर पलामू झारखंड*

छतरपुर अनुमंडल के केरकी कला के वनों में विश्व पर्यावरण दिवस के 53 वां और विश्व पर्यावरण धर्म व वन राखी मूवमेंट के 49 वां स्थापना दिवस पर प्रकृति, पर्यावरण और प्राण बचाने के लिए वनों में प्रभात फेरी निकाला गया। जिसमें आसपास के करीब 20 गांव के सैकड़ो पर्यावरण प्रेमी शामिल थे। विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद ट्री मैन डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने बतौर मुख्यातिथि कन्या पूजन और पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ पक्षियों के भोजन के लिए बरगद का पौधा लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और समापन वृक्षों पर रक्षाबंधन कर किया
पर्यावरणविद डॉ कौशल ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलाते हुए कहा कि बेकाबू गर्मी और जल संकट से निजात पाने के लिए किसानों को वृक्ष खेती करने की जरूरत है । क्योंकि वृक्ष खेती को आकाल सुखाड़ का भय नहीं है। वृक्ष की खेती किसानों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह काम आता है। इतना ही नहीं इससे जल संकट और ऑक्सीजन संकट भी उतपन्न नहीं होगी। उन्होंने जिला के लाइब्रेरी, सिक्का, डाली और केरकी कला गांव के लोगों के बीच 500 पौधा वितरण व रोपण करते हुए कहा कि जहां भी वनों की कटाई होती है वहां विनाश होता है। कोरोना काल इसका गवाह है। दिल्ली और महाराष्ट्र और उत्तराखंड के त्रासदी में अर्थ के लिए हो रहे अनर्थ का ही परिणाम है कि वहां बेकाबू गर्मी, जल संकट और प्रदूषण बेतहासा बढ़ा है। जिसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं।
वन राखी मूवमेंट के अगुआ  डॉ कौशल किशोर ने वन बचाने वाले सभी 500 पर्यावरण प्रेमी महिलाओं को साड़ी एवं पुरुष को शॉल ओढ़ा कर उन्हें फलदार पौधा व मिठाईयां देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं में संचालन कर रहे सिंगर शिवनाथ सुरीला अध्यक्ष कपिल देव सिंह,चराई मुखिया रविंद्र राम, मुरुम दाग उप मुखिया डोमन यादव,डाली के उप मुखिया अफजाल अंसारी, छतरपुर पूर्वी के जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल के प्रतिनिधि, सुचित कुमार,डाली पंचायत के मुखिया पूनम जायसवाल के प्रतिनिधि, जुबेर अंसारी, पर्यावरणविद के प्रतिनिधि डाली के संतोष जायसवाल,हरिराम, रामजी सिंह, नागेश्वर सिंह, श्याम बिहारी सिंह,कृष्ण प्रसाद,सत्येंद्र सिंह,बनारसी देवी , पनपत्ति देवी, मुनिया देवी, गीता देवी, ने वन राखी मूवमेंट से होने वाले वनों की सुरक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा पर अपना विचार व्यक्त किया। वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि आज 45 वर्षों से केरकी कला में पर्यावरण विद डॉ कौशल के द्वारा चलाया गया वनरखी मूवमेंट के कारण क्षेत्र में पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता आयी है यही कारण है कि इस क्षेत्र के हजारों एकड़ उजड़े वन आज सघन वन का रूप ले लिया है। मौके पर वन राखी मूवमेंट के सदस्यों में सोहर कुमार, चूल्हा सिंह, बिरजू सिंह, बृक्ष सिंह, कपिल देव यादव, मनोज गुप्ता, अर्जुन सिंह, सूरज नाथ सिंह, पुस्तकालय अध्यक्ष मनजीत कुमार सिन्हा, राजू सिंह, अरूप बनर्जी,शोभा रानी व अमरेंद्र सिंह , निशीकांत कुमार,आदि उपस्थित थी।

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