पर्यावरणविद डॉ कौशल ने तीन दिवसीय उत्तराखंड से लौट कर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा
पर्यावरणविद ने उत्तराखंड में दो राज्यों के तीन केंद्रीय विद्यालय के बच्चों को पढाया पर्यावरण धर्म के पाठ
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए समस्त लोगों को अपने धर्म के साथ पर्यावरण धर्म को होगा अपनाना: डॉ कौशल
जलवायु परिवर्तन का खामियाजा पिछले वर्ष भुगत चुके है लोग,इस बार मार्च में ही होगा 40 डिग्री से पार
फोटो– पौधा रोपण, वृक्षों पर रक्षाबंधन व पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाते हैं पर्यावरण धर्म गुरु डॉ कौशल
मेदिनीनगर पलामू झारखंड
देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट में तमिलनाडु के मदुरई कृष्णा कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं व मसुरी के तिब्बती केंद्रीय आवासीय विद्यालय एवं हरिद्वार के लुढ़की केंद्रीय आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व बनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद ट्री मैन डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने अपने संस्था के नवमनोनित अध्यक्ष धुम सिंह नेगी के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने
पर्यावरण धर्म के विधान के अनुसार कन्या पूजन कर पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ तमिलनाडु का रक्त चंदन का पौधो लगाया। वहीं कार्यक्रम का समापन वृक्षों पर रक्षाबंधन कर किया। डॉ कौशल ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण धर्म के 8 मुल ज्ञान मंत्रों की शपथ भी दिलाई। इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों को पर्यावरण धर्म के संबंध में विस्तृत जानकारी देकर उनका ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण, भीषण गर्मी, जल संकट और जलवायु परिवर्तन समय रहते अगर नहीं रोका गया तो जिस तरह जल से बाहर मछलियां तड़पने लगती है ठीक उसी तरह जन और जानवर को भी आने वाले समय में पानी के लिए तड़पना पड़ सकता है।
बनराखी मूवमेंट के प्रणेता डॉ कौशल ने बताया है यदि उस विभीषिका से बचना है तो सरकार परमाणु ऊर्जा बंद करे और सभी उद्योगों में वाष्प चिमनी लगायें व गाड़ियां का वास्प साइलेंसर बनाएं । उन्होंने यह भी कहा कि उससे निजात पाने के लिए बड़े पैमाने पर पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा की व्यवस्था करनी होगी। इतना ही नहीं शहर में आकाश बाग और गांव में किसानों को बृक्ष की खेती करना होगा। क्योंकि बृक्ष खेती को अकाल सुखाड और जलवायु परिवर्तन का भय नहीं होता। पेड़ पौधे किसानों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट के समान होता है। उन्होंने कहा कि पुत्र साथ छोड़ सकता है परंतु पेड़ नहीं। किसान द्वारा लगाया गया बृक्ष खेती पर किसानों को मौलिक अधिकार होना चाहिए ताकि उसका उपयोग वह अपने दैनिक जीवन में कर सके। मसूरी तिबति केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल रिन-जिन ने डॉ कौशल किशोर जायसवाल को सम्मानित किया । इस अवसर पर प्रमुख लोगों में मदुरई के कृष्णा कृषि विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल विनीत, आरती, कृतिका, मसूरी तिब्बती केंद्रीय स्कूल के प्रिंसिपल रीनजिन, टुपटेन, मैडम प्रयाग पंत सपना, विजेंद्र वर्मा, सुनील सिंह,रोहित गर्ग, हरिद्वार लुढ़की के प्रिंसिपल अभय श्रीवास्तव,नीरज तिवारी, योगेंद्र गिरी, कुलदीप पांडे, संतोष महतो, बिनमेरी हासकेल, दयानंद शिव बंसी ,सूरज कुमार जायसवाल आदि लोगों ने डॉ कौशल किशोर जायसवाल के कार्यों की सराहना को व मदुरई आने का निमंत्रण भी दिया ।
Byepass Road,Near DIG BANGALA ,Medininagar Palamau,Jharkhand-822101
kaushalkishoredto@gmail.com
+91 7033470709
+91 9471391455
© Kaushal Kishore Jaiswal. All Rights Reserved. Designed by Cloudwave Services