Palamu, Jharkhand, India +91 7033 470 709 kaushalkishoredto@gmail.com पर्यावरण धर्म

समाज के परमार्थ के लिए ही धरा पर अवतरित होते है संत, सरोवर और तरुवर : पर्यावरणविद

Home समाज के परमार्थ के लिए ही धरा पर अवतरित होते है संत, सरोवर और तरुवर : पर्यावरणविद

समाज के परमार्थ के लिए ही धरा पर अवतरित होते है संत, सरोवर और तरुवर : पर्यावरणविद

पर्यावरणविद ने पाल्हे-जतपुरा महायज्ञ में आये लोगों के बीच पौधा वितरित करते कहा कि*
*समाज के परमार्थ के लिए ही धरा पर अवतरित होते है संत, सरोवर और तरुवर : पर्यावरणविद*
*यज्ञ के प्रसाद खाने से लोग व मेरा पौधा रूपी प्रसाद को लगाने से स्वस्थ होती है आने वाली पीढ़ी :पर्यावरणविद, मुखिया व पार्षद*
फोटो- यज्ञ में आए लोगों को पौधा देते पर्यावरणविद कौशल
*श्री बंशीधर / गढ़वा झारखंड*
गढ़वा जिले के श्री बंशीधर नगरी के पाल्हे जतपुरा गांव में आयोजित श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ में सपरिवार पहुंचकर परमपूज्य श्री लक्ष्मीप्रापन्नचार्य जी महाराज का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल उनकी धर्मपत्नी व पंचायत डाली बाजार की मुखिया, पूनम जायसवाल, पुत्र छतरपुर पूर्वी से जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल, शिल्पा जायसवाल,प्रो अरुण कुमार जायसवाल, कोमल जायसवाल एवं सभी बच्चों के साथ यज्ञशाला का पंचकर्मा कर पूजा अर्चना की। पर्यावरणविद ने कई राज्यों से महायज्ञ में पहुंचे श्रद्धालुओं को थाईलैंड का बारहमासी आम, हिमाचल का कपूर, कर्नाटक का चंदन और नेपाल का रुद्राक्ष का पौधा देते हुए कहा कि यज्ञ के प्रसाद खाने से लोगों एवं उनके परिजनों का तन- मन शुद्ध हो जाता है। लेकिन उनका पौधा रूपी प्रसाद को लगाने से आने वाली पीढ़ी स्वस्थ व सुरक्षित हो जाएंगे।
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि जिस तरह देश के बड़े संत – महात्मा जनकल्याण व धर्म प्रचार के लिए यज्ञ कराते हैं उसी प्रकार हमें प्रत्येक वर्ष जरूरतमंद जगहों पर बड़ा आयोजन कर पौधरोपण करना होगा तभी हमें प्रदूषण नामक शत्रु से मुक्ति मिलेगी । वहीं यज्ञ में हवन के लिए हमें लकड़ी मिल पाएगी। हवन कुंड से निकली धुंआ से न कई बीमारियों व विषाक्त जीवाणुओं से मुक्ति मिलती है बल्कि प्रदूषण से भी निजात मिलता है।
हमलोगों को हर क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष पौधा लगाना और यज्ञ करना जीवन शैली में शामिल करना चाहिए । हवन में आम की लड़कियां धी,जई ,तील,गुड, चावल, धूप, कवलकटा, गुगुल ,पंचमेवा इत्यादि जो जलने से जो
धुंआ निकलती है उससे प्रदूषण मुक्ति के साथ आकाश का ओजोन परत को भी मजबूत करता है जिस से धरती पर पड़ने वाले सूरज की प्रकाश छन कर आता है कई तरह की महामारी रोका जाता है। उन्होंने कहा कि यज्ञ की धुंआ और पौधा लगाने से प्रदूषण से मुक्ति मिलती है । पहले के राजा महाराजा संत महात्मा के माध्यम से यज्ञ करवाते थे,और बगीचा लगाते थे।
इस अवसर पर डॉ शशिकांत शुक्ला, मुखिया अजय गुप्ता,आशीष कुमार चौबे, सिद्धार्थ शुक्ला, सुदामा प्रजापति, मनोहर प्रजापति, विनीत शुक्ला, पुष्कर शुक्ला, अनुराग चौबे,पोती आराध्या कुमारी, अशिविका कुमारी, आद्रिका कुमारी, अनुषा कुमारी, सत्य सिंह, मालदेव चंद्रवंशी, विकास सिंह,आदि उपस्थित थे।

Get In Touch

Byepass Road,Near DIG BANGALA ,Medininagar Palamau,Jharkhand-822101

kaushalkishoredto@gmail.com

+91 7033470709

+91 9471391455

© Kaushal Kishore Jaiswal. All Rights Reserved. Designed by Cloudwave Services