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वृक्षों के छठी दिवस को ही कहा जाता विश्व वाणिकी दिवस: कौशल

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वृक्षों के छठी दिवस को ही कहा जाता विश्व वाणिकी दिवस: कौशल

*विश्व वाणिकी दिवस पर पर्यावरणविद ने कई प्रजाति के पौधरोपण कर लोगों के बीच वितरित किया पौधा*
*वृक्षों के छठी दिवस को ही कहा जाता विश्व वाणिकी दिवस: कौशल*
– समय रहते लोग नहीं सचेते तो कोरोना के कहर से भी ज्यादा तबाही मचाएगा प्रदूषण पर्यावरणविद कौशल
फ़ोटो- वनों पर रक्षाबंधन करते पर्यावरणविद व पर्यावरण से जुड़े लोग
*छतरपुर पलामू झारखंड*
विश्व वानिकी दिवस व वृक्षों की छठी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वन राखी मूवमेंट के अगुआ पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म से जुड़े लोगों के साथ वनों पर राखी बांधकर उसे बचाने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम छतरपुर अनुमंडल के डाली बाजार पंचायत के कौशल नगर के बेलटांड में आयोजित की गई थी। पर्यावरणविद ने पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलाते हुए उन पर्यावरण प्रेमियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया। यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से चलता आ रहा है। विश्व वानिकी दिवस पर आयोजित गोष्ठी में पर्यावरणविद कौशल किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना से भी अधिक भयावह प्रदूषण का खतरा लोगों के सिर पर मंडरा रहा है। उससे बचने के लिए लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मन्त्रो को अपने जीवन में आत्मसात करना होगा तभी हम उस विभीषिका को टालने में कामयाब हो सकते हैं। उन्होंने विश्व वानिकी दिवस के 51 वां और निःशुल्क पौधा वितरण के 55 वां वर्ष पूर्ण होने पर उन लोगों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया जो लोग अभीतक इस अभियान से जुड़कर प्रकृति को बचाने और सवारने में लगे हुए हैं। उन्होंने ब्रह्माण्ड के सभी जीवों की रक्षा के लिए पौधरोपण करने की अपील की। उक्त अवसर पर उन्होंने धरती मां को चंदन और कटहल के पौधा समर्पित करते हुए कहा कि विश्व वानिकी दिवस का दूसरा नाम वृक्षों के छठी दिवस भी कहा जाता है क्योंकि धरती के बड़े भूभाग में तेजी से वृक्षों में पत्ते का जन्म होने से ही वृक्षों का छठी दिवस के रूप में मनाया जाता है”‘ । उन्होंने कहा कि अगर पौधे नहीं लगेंगे तो आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण तो क्या हम और आप भी नहीं बच पाएंगे। पर्यावरण धर्म पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता डाली बाजार के उप मुखिया अफजल अंसारी ने की। जबकि संचालन बसीर अंसारी ने किया। मौके पर
जुबेर अंसारी , रामजी प्रसाद, विनोद यादव, सुचित कुमार जायसवाल , गुलाम गौस, अनवर अंसारी, अमरेंद्र कुमार, छठू सिह, धर्मदेव यादव, बृजमोहन सिंह, फुलवा देवी ,राजपति कुंवर, देवंती देवी, आदि उपस्थित थीं।

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