पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने हेरीटेज स्कूल में पौधरोपण कर पढ़ाया पर्यावरण धर्म की पाठ
समाज के हर वर्गों को पर्यावरण के प्रति करना होगा जागरूक : पर्यावरणविद कौशल
– पलामू से शुरू पर्यावरणविद का अभियान दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा . पंजाब. उत्तर प्रदेश. छत्तीसगढ़. वेस्ट बंगाल, कोयलांचल समेत आठ राज्यों में जाकर किया पौधरोपण
पलामू। झारखंड
मेदिनीनगर के चियांकी स्थित हेरिटेज इंटरनेशनल स्कूल परिसर में गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान एवं पर्यावरण धर्म की प्रार्थना के साथ किया गया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को पौधरोपण के बाद पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों की शपथ दिलाई गई। श्री कौशल ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को बताया कि वे इस अभियान को पिछले 52 वर्षों से अपनी निजी खर्चों पर न केवल झारखंड में चला रखा है बल्कि नेपाल भूटान समेत देश के 20 राज्यों के 77 जिलों के अलग- अलग हिस्सों में अबतक 37 लाख निःशुल्क पौधे लोगों के बीच बांटने और लगाने का काम किया है। उनके द्वारा लगाए गए पौधे 10 वर्षों के बाद वृक्ष होने पर जब कटने लगे तभी वे वृक्षों को काटने से बचाने के लिए पर्यावरण धर्म चलाया । उसके आठ मूल मंत्रों के साथ वृक्षों पर रक्षाबंधन कर इस अभियान को आगे बढ़ाया। इससे उनके द्वारा लगाए गए पौधे के साथ सरकार द्वारा कटाई किए जाने वाले वनों की नीलामी भी बंद कराने में सफलता मिली । यह मुहिम आज से 42 वर्ष पहले चलाई गयी थी । वनराखी मूवमेंट के तहत अब तक करीब पांच लाख वन वृक्षों पर राखियां बांध कर पेड़ों की रक्षा की जा चुकी हैं। वनराखी मूवमेंट में शामिल होकर जिन महिला- पुरुषों ने पेड़ों की सुरक्षा प्रदान करने में अपनी अहम भागीदारी निभा रहे हैं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए अंगवस्त्र देकर समय- समय पर सम्मानित भी किया जाता रहा है । वर्ष 2019 में 15 राज्यों के विभिन्न स्थानों पर रक्षाबंधन और पर्यावरण धर्म पर गोष्ठी आयोजन कर दो लाख निःशुल्क पौधा वितरण और रोपण का लक्ष्य निर्धारित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।
उसी के कड़ी में गुरुवार को हेरीटेज स्कूल में पौधरोपण कर लोगों के बीच निःशुल्क पौधे भी वितरित किये गए।
पर्यावरणविद कौशल ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे विश्व में प्रदूषण की आग लगी है वह आग पानी से नहीं शुद्ध हवा से बुझेगी शुद्ध हवा बनाने का कोई उद्योग नहीं पेड़ पौधे हैं , यानी प्रकृति उद्योग है। इसलिए सभी लोगों को पर्यावरण धर्म को आत्मसात कर अधिक से अधिक पौधे लगाकर उसे बचाने की जरूरत है । तभी धरती के 84 लाख योनि जीवो के बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आजादी की दूसरी लड़ाई प्रदूषण के खिलाफ लड़ना होगा। पूरे विश्व के लोगों को एकजुट होकर पौधा रूपी मिसाइल से प्रदूषण नामक शत्रु को समाप्त करना होगा । नहीं तो धरती के तापमान जिस कदर बढ़ रही है वैसी हालात में 84 लाख योनि जीवों पर जल संकट के साथ-साथ ऑक्सीजन संकट भी होना तय है। इस भयावह स्थिति से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्र अपनाते हुए पौधा लगाना और बचाना होगा।
। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य बीजू जोसेफ समेत कई वक्ताओं ने अपने संबोधन में पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल की ओर से काफी लंबे अरसे से निःस्वार्थ और निःशुल्क किये जा रहे समाज सेवा को सराहनीय कदम बताया। संचालन मनोहर पांडेय ने की। जबकि धन्यवाद ज्ञापन संगीता पांडेय ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विनीता भारद्वाज, पंकज झा, सोनिया भाटिया ,आशीष खान ,वीवी एक्का, आशुतोष कुमार, पूनम सिंह, उदित नारायण द्विवेदी ,राजू रंजन, उमाकांत, एनुल अंसारी, शशीकांत, साहब अली समेत स्कूल के छात्र-छात्राएं को पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाई गई।
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