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मानव रूपी शत्रु से आजादी मिली है प्रदूषण नामक शत्रु से नहीं : पर्यावरणविद कौशल

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मानव रूपी शत्रु से आजादी मिली है प्रदूषण नामक शत्रु से नहीं : पर्यावरणविद कौशल

मानव रूपी शत्रु से आजादी मिली है प्रदूषण नामक शत्रु से नहीं : पर्यावरणविद कौशल
– पलामू जिले के डाल्टनगंज महिला कॉलेज में पर्यावरण सप्ताह दिवस मनाया गया एवं पेंटिंग प्रतियोगिता रखी गई जिसका मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल और विशिष्ट अतिथि यूनिवर्सिटी सिंडिकेट की सदस्य रेणुका पांडे एवं कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर मोहिनी गुप्ता ने कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान के साथ एवं पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथपौधा लगाकर एवं पर्यावरण धर्म के8 मूल मंत्रों की शपथ दिलाकर किया गया। वही अपने संबोधन में मुख्य अतिथि पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने बताया कि मेरे द्वारा निशुल्क पौधा वितरण व रोपण के 53 वां वर्ष और पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के 43 वा वर्ष पूरा होने के उपरांत देश के 10 राज्यों में अभियान चला कर 2 लाख निशुल्क पौधा वितरण और रोपण एवं पर्यावरण धर्म पर गोष्टी के आयोजन कर पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाते हुए पर्यावरण की पाठ पढ़ा रहे हैं। पर्यावरणविद ने आगे कहा कि हम लोगों को अभी मानव रूपी शत्रु से आजादी मिली है प्रदूषण नामक शत्रु से नहीं जिस तरह हमारे वीर जवानों ने एकजुट होकर देश को आजादी दिलाएं हैं उसी तरह हम लोग को एकजुट होकर प्रदूषण नामक शत्रु को पौधा रूपी मिसाइल से खत्म करना होगा यह तभी संभव होगा जब हम लोग एकजुट होकर पौधा लगाएंगे और उसे बचाएंगे श्री जायसवाल ने आगे कहा कि जिस तेजी से जनसंख्या की रफ्तार बढ़ रही हैं उससे 10 गुना वृक्षों की संख्या के रफ्तार प्रतिवर्ष बढ़ाने होंगे। पर्यावरणविद कौशल ने कहा कि लोग सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल करें । इनके उपयोग से प्रकृति का शोषण कम होंगे । जिससे प्रकृति आपदा और प्रदूषण कम होंगे और जल संकट व ऑक्सीजन संकट भी दूर होंगे। नहीं तो जनसंख्या बढ़ने से कोई फायदा नहीं धरती के तापमान अधिक होने से धरती के जीव के 37 फ़ीसदी प्रजातियां और पानी में रहने वाले जीवो की 47फ़ीसदी प्रजातियां और 1147 प्रकार के मछलियों पर बीलू पति के खतरा मंडरा रहा है यदि दुनिया के सभी बच्चे से बुजुर्गों तक पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों को नहीं अपनाया तो2030 धरती के 84 लाख जॉनी जीव को जल संकट के बाद ऑक्सीजन संकट होना तय हैप्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों को अपनाना होगा । 1- प्रत्येक व्यक्ति अपने जन्मदिन पर या कोई शुभ कार्य पर पौधा लगाकर उसे बचाएं। 2- जन 3- जल 4- जंगल5 – जमीन 6- जानवर 7- पक्षी ओर 8 – प्रकृति को बचाने का उद्देश्य । क्योंकि शिव और वृक्ष एक समान , पीते विष करते कल्याण। इन दोनों पर जल चढ़ाने का महत्व है।
विशिष्ट अतिथि रेणुका पांडे ने अपने संबोधन में छात्राओं को बताया कि पेड़ को देवता तुल भी माना गया है हम सभी को एकजुट होकर पेड़ लगाना होगा और उसे बचाना होगा हमारी शिक्षा दीक्षा इसी कॉलेज से हुआ है हमें बहुत खुशी की बात है कि हम आज आप लोगों के बीच में और कुछ बताने का मौका मिला कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्रचार डॉक्टर मोहिनी गुप्ता ने पर्यावरणविद कौशल के निशुल्क कार्यों की सराहना की मौके प्रोफेसर डॉ विभा पांडे, डॉक्टर केसी झा , शोभा रानी समेत कई छात्राओं और शिक्षक मौजूद रहे

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