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प्रकृति से केवल लेने की संस्कृति को छोड़ देने की प्रवृति विकसित करना होगा : पर्यावरणविद कौशल

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प्रकृति से केवल लेने की संस्कृति को छोड़ देने की प्रवृति विकसित करना होगा : पर्यावरणविद कौशल

प्रकृति से केवल लेने की संस्कृति को छोड़ देने की प्रवृति विकसित करना होगा : पर्यावरणविद कौशल
फ़ोटो-
मेदिनीनगर । पलामू
विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल ने विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर दो हजार निःशुल्क पौधा वितरण व रोपण जिले के तीन विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में किया। कार्यक्रम की शुरुआत पूनम जायसवाल अपार्टमेंट रोड में डाल्टनगंज आकाशवाणी के अनुपमा तिवारी के भूमि पर फलदार पौधा लगाकर किया गया। जबकि पौधों का वितरण शहर के महिंद्रा आर्केड और छतरपुर के कर्मा चराई के मिडिल स्कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में किया गया। इस मौके पर आयोजित पर्यावरण धर्म की गोष्ठी में शामिल लोगों को पर्यावरणविद कौशल किशोर ने पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रकृति दिवस पर लोग प्रकृति से केवल लेना नहीं बल्कि देना भी सीखें । क्योंकि जिस रफ्तार से लोग वनों की कटाई और पहाड़ों से पत्थरों का उत्खनन कर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं । उसी अनुपात में अगर पौधरोपण नहीं कि गयी तो स्थिति और भयावह होती जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं गाड़ियां से फैल रहे प्रदूषण और परमाणु ऊर्जा के कारण धरती पर बढ़ रहे तापमान से आज ग्लोबल वार्निंग के कारण ग्लेशियर पिघलने से प्रकृति के कई विनाशक रूप सामने आ कर मानव -जीवन लील रहा है। उक्त कारणों से बौखलाई हुए प्रकृति ने आज पूरे धरती पर उत्पात मचा रखी है। जिसका गवाह उत्तराखंड के सुनामी , हुद हुद जैसी विनाशकारी तूफान और बज्रपात से हो रहे अप्रत्याशित मौत शामिल है । पर्यावरणविद कौशल् ने कहा कि समय रहते अगर लोग पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों को अपनाकर नंगे पहाड़ों को वस्त्र रूपी पेड़ों से ढकने का काम नहीं किया तो आगे आने वाले दिनों में प्रकृति के विनाशकारी लीला को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि जिस तरह से स्थिति बन रही है वैसी स्थिति में वनों का क्षेत्रफल 19 फीसदी से बढ़ा कर 40% करने होंगे। उन्होंने गुस्साए प्रकृति को मनाने के लिए किसानों को गांव में वृक्ष की खेती करने और शहरवासियों को आकाश बाग लगाने की सलाह दी है। तभी पृथ्वी के प्राणियों को बचाया जा सकेगा। श्री जायसवाल ने कार्यक्रम का समापन पर्यावरण के स्लोगन के साथ किया। विभिन्न कार्यक्रम में शामिल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एसएन सिंह, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक डॉक्टर मोहनलाल ,वन संरक्षक कुमार अरविंद और आकाशवाणी के अनुपमा तिवारी ने पर्यावरणविद कौशल किशोर के अभियान की सराहना करते उन्हें पर्यावरण के धर्मगुरु बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुभाष चंद्र और संचालन जुबेर अंसारी ने किया। कार्यक्रम में सन्मार्ग के ब्यूरो प्रभारी अरुण कुमार शुक्ला, चंदन विश्वकर्मा , सरजू विश्वकर्मा जयराम सिंह ,भगवतीया देवी, रत्नीदेवी, सुनैना देवी कृष्णा चौधरी और जयप्रकाश गुप्ता को भी पौधा दिया गया।

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