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जनसंख्या की रफ्तार में कमी और वृक्षों की संख्या में तेजी लाने से ही बचेगी मानव जीवन : पर्यावरणविद कौशल

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जनसंख्या की रफ्तार में कमी और वृक्षों की संख्या में तेजी लाने से ही बचेगी मानव जीवन : पर्यावरणविद कौशल

जनसंख्या की रफ्तार में कमी और वृक्षों की संख्या में तेजी लाने से ही बचेगी मानव जीवन : पर्यावरणविद कौशल
– इन दिनों पर्यावरणविद कौशल ने छत्तीसगढ़ मैं पढ़ा रहे है पर्यावरण की पाठ
– बलराम पुर जिले के राजपुर प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के गोष्ठी का उद्घाटन आठ मूल मंत्रों की शपथ के साथ पौधा लगाकर तथा समापन पौधा वितरण कर किया। पर्यावरणविद द्वारा निशुल्क पौधा वितरण व रोपण के 53 वां वर्ष और पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के 43 वा वर्ष पूरा होने के उपरांत देश के 10 राज्यों में अभियान चला कर निशुल्क पौधा वितरण और पर्यावरण धर्म गोष्टी के आयोजन कर पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाते हुए पर्यावरण की पाठ पढ़ा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को आयोजन में पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों की शपथ दिलाते हुए कहा कि जिस तेजी से जनसंख्या की रफ्तार बढ़ रहे हैं उससे 10 गुना वृक्षों की संख्या के रफ्तार प्रतिवर्ष बढ़ाने होंगे। वहीं सभी फैक्ट्री के चिमनी को वास चिमनी बनाने होंगे तथा परमाणु ऊर्जा व आधुनिक सुविधा के इस्तेमाल कम से कम करने होंगे। पर्यावरणविद कौशल ने कहा कि लोग सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल करें । इनके उपयोग से प्रकृति का शोषण कम होंगे । जिससे प्रकृति आपदा और प्रदूषण कम होंगे और जल संकट व ऑक्सीजन संकट भी दूर होंगे। नहीं तो जनसंख्या बढ़ने से कोई फायदा नहीं धरती के तापमान अधिक होने से धरती पर के जीव के 47 फ़ीसदी प्रजातियां और पानी में रहने वाले जीवो की 37 फ़ीसदी प्रजातियां 2030 तक समाप्त हो जाएंगे । इसे बचाने के लिए एक ही विकल्प है प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों को अपनाना होगा । 1- प्रत्येक व्यक्ति अपने जन्मदिन पर या कोई शुभ कार्य पर पौधा लगाकर उसे बचाएं। 2- जन 3- जल 4- जंगल5 – जमीन 6- जानवर 7- पक्षी ओर 8 – प्रकृति को बचाने का उद्देश्य । क्योंकि शिव और वृक्ष एक समान , पीते विष करते कल्याण। इन दोनों पर जल चढ़ाने का महत्व है। वार्डेन ने कहा कि पर्यावरणविद गुरु जायसवाल की कार्य सराहनीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता वार्डन उर्मिला मिंज और संचालन आशा भारती ने की। केकार्यक्रम में शिक्षिका शोभा कुंती कुजुर, सुमित्रा मिंज ,भारती सिंह समेत स्कूल की छात्राएं उपस्थित थी।

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