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समाज के परमार्थ के लिए ही धरा पर अवतरित होते हैं संत सरोवर और तरुवर: पर्यावरण धर्म गुरु कौशल

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समाज के परमार्थ के लिए ही धरा पर अवतरित होते हैं संत सरोवर और तरुवर: पर्यावरण धर्म गुरु कौशल

चैनपुर में गायित्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पर पर्यावरणविद ने 51 पूजनीय पौधा वितरण कर कहा कि

यज्ञ का प्रसाद खाने व पौधा रूपी प्रसाद को लगाने से स्वस्थ होगी आने वाली पीढ़ी :पर्यावरणविद, मुखिया व धीरज

समाज के परमार्थ के लिए ही धरा पर अवतरित होते हैं संत सरोवर और तरुवर: पर्यावरण धर्म गुरु कौशल

फोटो- यज्ञ में आए लोगों को पौधा देते पर्यावरणविद व मुखिया पूनम व धीरज

चैनपुर पलामू झारखंड

जिले के चैनपुर श्री राम चौक रोटरी स्कूल में आयोजित चार दिवसीय 24 कुंडी गायत्री महायज्ञ में पहुंचकर परमपूज्य श्रीं श्रीं आचार्य राम तपस्या यादव जी महाराज का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम समापन के मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल, उनकी धर्मपत्नी सह डाली बाजार पंचायत की मुखिया पूनम जायसवाल ने यज्ञशाला का पंचकर्मा कर पूजा अर्चना की। पर्यावरणविद कौशल, मुखिया पूनम और यज्ञ के आयोजक धीरज गुप्ता ने यज्ञ में पहुंचे श्रद्धालुओं को थाईलैंड का बारहमासी आम, हिमाचल का कपूर, कर्नाटक का चंदन , केला, समी, बरगद, पीपल, और आंवला का पौधा वितरित किया । श्रद्धालुओं को पौधा देते हुए कहा कि यज्ञ का प्रासाद खाने से उनके परिजनों का तन- मन शुद्ध हो जाता है। यज्ञ के हवन से ब्रह्मांड और पर्यावरण धर्म के तहत पौधा रूपी प्रसाद को लगाने एवं दान करने से आने वाली पीढ़ी तक स्वस्थ व सुरक्षित हो जाता है ।

पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि जिस तरह देश के बड़े संत – महात्मा जनकल्याण व धर्म प्रचार के लिए यज्ञ कराते हैं उसी तरह वे प्रत्येक वर्ष जरूरतमंद जगहों पर बड़ा आयोजन कर पौधरोपण करते हैं। तभी लोगों को प्रदूषण नामक शत्रु से मुक्ति मिलेगी । वहीं यज्ञ में हवन के लिए उसी माध्यम से लकड़ी मिल पाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हवन कुंड से निकली धुंआ से न सिर्फ कई बीमारियों व विषाक्त जीवाणुओं से मुक्ति मिलती है बल्कि प्रदूषण से भी निजात मिलता है। पर्यावरणविद ने कहा कि लोगों को अपने जीवन के हर क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष पौधा लगाना और यज्ञ करना अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए । वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने कहा कि यज्ञ की धुंआ और पौधा लगाने से प्रदूषण से मुक्ति मिलती है । हमारी परंपरा रही है कि पहले के राजा महाराजा संत महात्मा के माध्यम से यज्ञ करवाते थे,और बगीचा लगाते थे।

पर्यावरणविद के निशुल्क पौधा वितरण व रोपण कार्यों की आचार्य श्री राम तपस्या जी और यज्ञ के आयोजन धीरज प्रसाद गुप्ता ने भूरी भूरी प्रशंसा की महान सेवक बताया
उक्त अवसर पर हरिद्वार शांतिकुंज से आए डॉ डी पटेल, अर्पित पांडेय, पवन कुमार और इस यज्ञ के आयोजक धीरज कुमार गुप्ता, रामजी गुप्ता, गणेश प्रसाद, नारायण कुमार, मनोज कुमार, अर्जुन यादव, घनश्याम गुप्ता, दीपक कुमार, सरजू प्रसाद, अरविंद गुप्ता, मीना गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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