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विष्णु पंथ के संस्थापक की प्रतिमा का अनावरण पर पर्यावरणविद कौशल ने पर्यावरण धर्म के तहत चंदन समेत कई दुर्लभ प्रजाति के पौधे लगाते

Home विष्णु पंथ के संस्थापक की प्रतिमा का अनावरण पर पर्यावरणविद कौशल ने पर्यावरण धर्म के तहत चंदन समेत कई दुर्लभ प्रजाति के पौधे लगाते

विष्णु पंथ के संस्थापक की प्रतिमा का अनावरण पर पर्यावरणविद कौशल ने पर्यावरण धर्म के तहत चंदन समेत कई दुर्लभ प्रजाति के पौधे लगाते

*विष्णु पंथ के संस्थापक की प्रतिमा का अनावरण पर पर्यावरणविद कौशल ने पर्यावरण धर्म के तहत चंदन समेत कई दुर्लभ प्रजाति के पौधे लगाते हुए कहा*
*पति, पिता या राष्ट्रपिता की साया सर से उठ जाए तो उनकी यादगार मैं पौधा लगाकर अपने बच्चे की तरह देखभाल कौशल*
फ़ोटो-पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों की शपथ दिलाते पर्यावरणविद
*बिशुनपुर घाघरा गुमला झारखंड*
गुमला जिले के बिशुनपुर कोको टोली मे विकास भारती के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में वैधराज कुठदार बाबा उर्फ मिकु भगत की प्रतिमा का अनावरण सांसद सुदर्शन भगत द्वारा किया गया। उक्त स्थल परिसर एवं घाघरा कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के अगुआ पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के तहत चंदन, कपूर, रुद्राक्ष, पीपल, अमरुद एवं आम के पौधे लगाए। पर्यावरणविद कौशल ने पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों की शपथ दिलाते हुए बच्चों को पर्यावरण धर्म की पाठ पढ़ाई।ततपश्चात उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं विष्णु पंथ के संस्थापक मिकु भगत की प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाकर उनके जन्मदिन पर याद करते हुए नमन किया। पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि पर्यावरण धर्म के तहत लाल बहादुर शास्त्री और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं मिकू भगत के प्रतिमा के अनावरण स्थल पर उनके नाम का चंदन और अमरूद लगाया। चंदन के साथ अमरूद लगाने का अलग महत्व है । वहीं कस्तूरबा विद्यालय में फलदार एवं पूजनीय पौधे लगाते हुए कहा कि पर्यावरण धर्म का पहला मूल मंत्र जन्मदिन या कोई भी शुभ कार्य पर पौधा लगाना है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ रहा है तो वृक्षों की संख्या भी बढ़ना चाहिए। क्योंकि वृक्षों से धरती और ब्रह्मांड के 84 लाख जोनी जीवो की सांसों की अटूट रिश्ता है। कोरोना काल में ऑक्सीजन को लेकर हुई मारामारी से लोगों को पता हो गया है कि उसकी जीवन में क्या अहमियत है । यह भी सर्वविदित है कि ऑक्सीजन पेड़ों से मिलता है। इसीलिए तो कहा गया है कि पेड़ पौधे को नष्ट करने से लोगों की सांसें बन्द हो सकती है। अब सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के जीवन में पेड़ पौधों की क्या अहमियत है। कार्यक्रम में वक्ताओं ने पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल के कार्यों की भूरी- भूरी प्रशंसा करते हुए पुनः एक बार और पधारकर जीवन को प्राणवायु देने वाले पौधे लगाने का न्योता दिया। कार्यक्रम में वैधराज भगत के वंशज जौवरा टाना भगत, भिखारी भगत, महेंद्र भगत, मुखिया सुरेश भगत, अनिल भगत के अलावे प्रमुख लोगों में कृषि विज्ञान केंद्र के विपिन तिवारी, कौशल किशोर,संजय पांडेय एवं घाघरा कस्तूरबा गांधी विद्यालय के वार्डेन रेणू सुजाता एकका, पार्वती देवी , समेत झारखंड संस्कृति के लड़कियां और स्कूली बच्चे शामिल थे।

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