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पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्र में सातवां मूल मंत्र पक्षी को बचाने का उद्देश्य-पर्यावरणविद कौशल

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पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्र में सातवां मूल मंत्र पक्षी को बचाने का उद्देश्य-पर्यावरणविद कौशल

*विश्व गौरैया दिवस पर पर्यावरणविद कौशल ने कहा कि*
*पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्र में सातवां मूल मंत्र पक्षी को बचाने का उद्देश्य क्योंकि बन के साथ-साथ पशु-पक्षी भी पर्यावरण के अंग है इसकी हिफाजत सभी लोगों कर्तव्य कौशल*
विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रनेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने गौरैयां के दिवस के बारे में बताया कि (World Sparrow Day) हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है. विश्व के कई देशों में गौरैया पाई जाती है. यह दिवस लोगों में गौरेया के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है. बढ़ते प्रदूषण सहित कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
विश्व गौरैया दिवस का इतिहास
विश्व गौरैया दिवस, नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ फ्रांस की इकोसेज एक्शन फाउंडेशन की शुरू की गई एक पहल है. सोसाइटी की शुरुआत फेमस पर्यावरणविद् मोहम्मद दिलावर ने की थी. उन्हें 2008 में टाइम मैगजीन ने “हीरोज ऑफ एनवायरमेंट” में शामिल किया गया था. साल 2010 में पहली बार 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया गया. इसके बाद हर साल 20 मार्च को यह दिवस मनाया जाता है. इस दिवस पर गौरैया के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है.
वन राखी मूवमेंट के प्रनेता कौशल ने कहां कि मेंविश्वभर में पिछले ग्यारह वर्षों से गौरैया दिवस मनाया जा रहा है पर प्रश्न यह है कि इस दिन को मनाने की आवश्यकता आन क्यों पड़ी? और यदि मनाते ही तो गौरैयाओं के अस्तित्व के लिए ईश्वर को धन्यवाद प्रेषित करते हुए क्यों नहीं मना सकते हम? गौरैया का न दिखना बिन बोले ही सारे प्रश्नों का जवाब दे देता है। आज गौरैया सिर्फ पुस्तकों, कविताओं में ही है। गांव में यदि कभी कोई गौरैया दिख जाए तो बच्चे झूम उठते हैं लेकिन समस्त मानव समाज के लिए शर्म की बात है कि गौरैया अब विलुप्ति की कगार पर है और इसका संरक्षण हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए जो कि आज भी नहीं है, बस इसी बात को याद दिलाने के लिए हम प्रतिवर्ष विश्व गौरैया दिवस मनाते हैं।
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि विश्व गौरैया दिवस 2021 का विषय
विश्व गौरैया दिवस 2021 का विषय ‘आई लव स्पैरो’ रखा गया है जिसकाअर्थ है कि मुझे गौरैया से प्रेम है। पिछले कई सालों से इस एक ही विषय पर इस दिन को मनाया जा रहा है। इस थीम को रखने के पीछे इंसान और पक्षी के बीच के संबंध की सराहना करना है। इस दिन लोग गौरैया की तस्वीरें बनाते हैं, कविताएं लिखते हैं, अपने अनुभव एवं गौरैया से जुड़े किस्से आदि साझा करते हैं।
पर्यावरण कौशल ने कहा कि गौरैया संरक्षण के उपाय-
ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ बर्डस द्वारा विश्व के विभिन्न देशों में किए गए अनुसंधान के आधार पर भारत और कई बड़े देशों में गौरैया को रेड लिस्ट कर दिया गया है जिसका अर्थ है कि यह पक्षी अब पूर्ण रूप से विलुप्ति की कगार पर है। गौरैया संरक्षण के लिए हम यही कर सकते हैं कि अपनी छत पर दाना-पानी रखें, अधिक से अधिक पेड़- पौधे लगाएं, उनके लिए कृत्रिम घोंसलों का निर्माण करें।

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