पर्यावरणविद ने श्राद्धकर्म में शामिल होकर मृतक के नाम किया पौधरोपण
श्राद्धकर्म पर पौधे लगाने से धरती मां व पितरों के अतृप्त आत्मा को मिलती हैं शांति: कौशल
फोटो- पौधा लगाते व शपथ दिलाते,पर्यावरणविद अन्य
छतरपुर,पलामू झारखंड
विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने छतरपुर अनुमंडल के पंचायत मुनकेरी के मनहु गांव निवासी दिवंगत निशांत के श्राद्धकर्म में शामिल होकर उनकी आत्मा के शांति के लिए उनके परिजनों के साथ पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ थाईलैंड प्रजाति के बारहमासी आम का पौधा लगाकर कार्यक्रम को न सिर्फ यादगार बनाया बल्कि श्रद्धांजलि भी अर्पित की। कार्यक्रम में शामिल परिजनों को पर्यावरणविद ने पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्र की शपथ भी दिलाई। बता दें कि नरेश रजक के पुत्र निशांत कुमार रजक की अकाल मौत 26 अप्रैल को कुंआ में गिरने से हो गयी थी ।जानकारी मिलने पर छतरपुर पूर्वी से जिला परिषद अमित कुमार जायसवाल उनके परिजनों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाते हुए हर संभव मदद करने की आश्वासन दिया।
पर्यावरणविद श्री कौशल ने फिर कहा कि अर्थ के लिए हो रहे अनर्थ व मानवी भूलों के कारण धरती से डायनासोर सहित कई जीव समाप्त हो गए । वहीं कई समाप्ति के कगार पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केवल भारतवर्ष में 1372 प्रजाति के पौधे असुरक्षित और अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं । धरती पर रहने वाले जीवों की 37 फ़ीसदी प्रजातियां और पानी में रहने वाले जीवो की 47 फ़ीसदी प्रजातियां और 1147 प्रकार के मछलियों की प्रजातियों पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है । वर्तमान में जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा हैं। जिससे कई तरह के प्राकृतिक आपदाएं दुनिया भर में हो रही हैं । मसलन कहीं भीषण गर्मी तो, कहीं ग्लेशियर का अप्रत्याशित पिघलना । उन्होंने कहा कि 21 दिनों के अंदर चीन, दुबई, ओमान , ब्राज़ील और इंग्लैंड में गर्मी के दिनों में भी हुई भारी बारिश से जहां जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं कई जगहों पर पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ये सारी तबाहियां जलवायु परिवर्तन के ही दुष्परिणाम के कारण हो रहे है।
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में हो रहे प्राकृतिक आपदा को रोकना है तो दुनिया भर के तमाम लोगों को अपना धर्म के साथ-साथ पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रो को अपने दिनचर्या में शामिल करना होगा। क्योंकि पौधरोपण के अलावे इससे बचने के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि पर्यावरण बचाने के लिए धरती के सम्पूर्ण हिस्से के 33 फीसदी भूमि पर सघन वन चाहिए ।
मौके पर स्व निशांत रजत के पिता नरेश कुमार रजक, ग्राम पंचायत चिरु के मुखिया पति प्रमोद यादव,पंचायत डाली बाजार के उप मुखिया अफजाल अंसारी, सचिन पांडे, बसंत विश्वकर्मा,सुरेश ,बैठा प्रवेश ,बैठा डोमन बैठा , कुलदीप बैठा , राजेंद्र शर्मा, अशोक पासवान, लक्ष्मण बैठा, पवन कुमार, सिंटू कुमार, रवि कुमार, रंजन कुमार, श्रीकांत कुमार, सुचित सिंह उपस्थित थे।
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